सोमवार, 21 नवंबर 2022

डीपीडी सुविधा @ ज न पत्तन


भारतीय पत्तनों से होने वाले कंटेनर परिचालन का लगभग 55 प्रतिशत जेएनपीटी से होता है! यहा के कामकाज का प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर भारत की छवि एवं वरीयता क्रम निर्धारित करती है! पत्तन व्यवस्थापक जहाजरानी मंत्रालय के सहयोग से निरंतर अपने कार्यप्रणाली मे वांछनीय बदलाव करती रहती है! अपने इसी एजेंडा “व्यपार करने मे सुलभ” को आगे बढाने के कड़ी मे “डी पी डी सुविधा” एक महत्वपूर्ण प्रायस है!

डी पी डी सुविधा क्या है :

DPD Service यानी डायरेक्ट पोर्ट डिलिवरी सुविधा के अंतर्गत सीमाशुल्क प्राधिकारी कुछ निश्चित संस्था/उपभोक्ता (Accredited Client Program - ACP) को उनके पिछले कार्यशैली के आधार पर उन्हे ग्रीन चैनल (सरल प्रक्रिया) की सुविधा प्रदान करते है! ग्रीन चैनल की सुविधा के कारण उपभोक्ता को प्रत्येक कंटेनर का कस्टम क्लियरेंस कराने के आवश्यकता नाही होती! कंटेनर जहाज से उतारने के तुरंत बाद सीधे निर्धारित यार्ड मे जाता है! तत्पश्चात उपभोक्ता इसे यहा से सीधे अपनी कारखाने या गंतव्य तक ले जाते है !

उदाहरण के लिए मंडीदीप स्थित कोई आयातक (Importer) अपनी फार्मा कंपनी के लिए कच्चा माल जेएनपीटी के रास्ते मंगाया है! यहा वह आयातक डीपीडी सुविधा का उपयोग करके बिना किसी सीएफएस मे कस्टम क्लियरेंस कराये सीधे मंडीदीप स्थित अपनी कारखाने मे कार्गो ले जायेगा! और इस तरह उसे लगने वाले धन और समय की काफी बचत होगी!

मान्यताप्राप्त ग्राहक योजना (Accredited Client Program - ACP) :

यह योजना सीमाशुल्क विभाग द्वारा जोखिम प्रबंधन (Risk Management) प्रक्रिया के आधार पर लाया गया है! यहा उपभोक्ता को दी जाने वाली विशेस सुविधा से व्यापार मे होने वाली संभावित वृद्धी और इसमे जुड़ी जोखिम का अध्यन किया जाता है! योजना के अंतर्गत सीमाशुल्क प्राधिकारी निर्धारित मानदंड पर खरे उतरे यथा साफ-सुथरे व्यवशाय की परंपरा वाले उपभोक्ता (आयातक/सीएचए/ शिपिंगलाइन) को ग्रीन चैनल की सुविधा प्रदान करते है! और इस तरह वे उपभोक्ता (ACP) नियमित रूप से होने वाली कस्टम क्लियरेंस मे लगने वाले समय और धन के अपव्य से बच जाते है!

डीपीडी कार्यप्रणाली :

जीनपीटी ने अपने एजेंडा “व्यापार करने मे सुलभ” को ध्यान मे रखते हुए ट्रेड नोटिस जारी कर सभी ACP मान्यताप्राप्त ग्राहक को यह सुविधा प्रदान किया है ! यह सुविधा केवल FCL कंटेनर के लिए दिया गया है! इसके परिचालन के लिए पृथक यार्ड के व्यवस्था की गई है! इस प्रक्रिया मे उपभोक्ता को सबसे पहले बिल ऑफ इंट्री फाइल कर सीमाशुल्क और अन्य शुल्क जमा करने होते है! शिपिंग लाइन के द्वारा आई जी एम फाइल करते समय स्पस्ट रूप से डीपीडी मूवमेंट के लिए प्रस्तावित कंटेनरो की सूची दी जाती है! लाइन द्वारा जहाज आने की अग्रिम सूचना पत्तन को दी जाती है एवं कंटेनर मूवमेंट से संबन्धित कार्यआदेश जारी कर दिये जाते है! यह सुविधा पत्तन के द्वारा 24x7 उपलब्ध कराई जाती है! परिणाम स्वरूप कार्गो क्लियरेंस की समय अवधि 10-11 दिन से घट कर 3 दिन हो गई है! वर्तमान मे पत्तन द्वारा डीपीडी मूवमेंट के लिए 72 घंटे की समय सीमा तय की गई है! इसके पश्चात लंबित कंटेनर यदि कोई हो तो उसे निर्धारित सीएफएस मे ले जाया जाता है, जहां से उसे पुराने तरीके से कस्टम क्लियरेंस कराया जाता है! संबन्धित उपभोक्ता द्वारा मासिक रिपोर्ट सौपने का भी प्रावधान है!

डीपीडी सुविधा के फायदे :

  • समयबद्ध एवं सहज कंटेनर डिलिवरी
  • सहज व्यापार करने मे अत्यधिक सहायक
  • लाजिस्टिक लागत मे भारी कमी (एक तिहाई तक)
  • निगरानी एवं रख-रखाव खर्चे मे कमी
  • शिपिंग लाइन को देने वाली कंटेनर डिटेन्सन शुल्क मे कमी
  • पत्तन/ सीएफएस को देने वाले कंटेनर ड्वेलटाइम शुल्क मे कमी
  • अनुमानित बचत प्रति कंटेनर 25 से 40 हजार रुपए तक

कॉनकॉर के लिए अवसर :

कॉनकॉर पूरे भारतवर्ष मे फैला एक मजबूत मल्टीमोंडल लाजिस्टिक प्रादता संस्था है! वर्तमान मे पत्तन द्वारा 770 ACP को डीपीडी की सुविधा दिया गया है! यह विशेस उपभोक्ता की एक बड़ी संख्या है! इस प्रकार जहां कॉनकॉर को उपभोक्ता के साथ सीधे संवाद का मौका मिलेगा वही जरूरत के हिसाब से सुविधा (Tailor made service) प्रदान करना संभव होगा! निश्चित ही यह कॉनकॉर के लिए नववर्ष का उपहार के तरह है! आशा एवं विश्वास है की कॉनकॉर अपने समयबद्धता एवं कार्यकुशलता के परंपरा के आधार पर इस सुविधा की मूल भावना “व्यापार मे सुलभ” को सफल करेगा एवं नई उचाई को पायेगा!

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